क्या ठीक होगा?
“दो दिन में जंगल में सड़क बनाने का काम शुरू होगा। तुम सब लोगों को इस काम पर पहुँचना है। अगर नहीं पहुँचे तो ठीक नहीं होगा।”
आदिवासियों पर अपना हक जमाने के लिए अंग्रेजों ने एक योजना बनाई। इस योजना के अनुसार, अंग्रेज जंगलों ओर पहाड़ों को चीरती हुई एक सड़क बनाना चाहते थे। सड़क के निर्माण कार्य के लिए अंग्रेजों ने आदिवासियों को मजदूरों के रूप में चुना। तहसीलदार बेस्टीयन क्रूर किस्म का था। वह आदिवासियों के गांव में गया और जोर से बोला, दो दिन के अंदर संड़क बनाने का काम शुरू होगा। तुम सभी को इस काम पर पहुंचना है। अगर समय पर नहीं पहुंचे तो अच्छा नहीं होगा। अंग्रेज सरकार का हुक्म था तो इसे कौन काट सकता था। फिर किसी एक ने हिम्मत करके पूछा कि हमें इस काम के बदले क्या मिलेगा। इस सवाल पर बेस्टीयन का चेहरा गुस्से में लाल हो गया। वो बोला, मिलेगा क्या। बस हुक्म का पालन करना है। दोबारा ये सवाल मत पूछ लेना।